Sunday, January 26, 2020

एक कोर्स नुमा गीत//कहां है शाहीन बाग//कार्तिका सिंह

दिल में है जज़्बा, हथेली पे जान है! वहां बैठी हर एक औरत महान है
कहां है शाहीन बाग! कहां है शाहीन बाग!
पूछते हैं आज सभी कहां है शाहीन बाग!
जहां से बुलन्द हुई देश की आवाज़ है!
जहां पे छिड़ा है कुर्बानियों का साज़ है!
वही है शाहीन बाग! वही है शाहीन बाग!

पूछते हैं आज सभी कहां है शाहीन बाग!

आज नया तीर्थ है, आज वही धाम है!
जिसने सुनाया हमें सच का पैगाम है!
वही है शाहीन बाग! वही है शाहीन बाग!

पूछते हैं आज सभी कहां है शाहीन बाग!

छाया था अंधेरा पर वह चांदनी सा छा गया!
हर एक माथे में चिराग बन आ गया!
वही है शाहीन बाग! वही है शाहीन बाग!

पूछते हैं आज सभी कहां है शाहीन बाग!

सुनो सुनो आती यहां ज़ोर से आवाज़ है!
हिम्मत और एकता की ऊंची परवाज़ है!
वही है शाहीन बाग! वही है शाहीन बाग!

पूछते हैं आज सभी कहां है शाहीन बाग!

माई भागो बन के जहां औरतें हैं आ गईं!
झांसी वाली रानी का हैं रूप दिखला रहीं!
वही है शाहीन बाग! वही है शाहीन बाग!

पूछते हैं आज सभी कहां है शाहीन बाग!

दिल में है जज़्बा, हथेली पे जान है!
वहां बैठी हर एक औरत महान है!
वही है शाहीन बाग! वही है शाहीन बाग!

पूछते हैं आज सभी कहां है शाहीन बाग!

देश की चुनौती जिसने कर ली कबूल है!
जगह जगह खिला जहां इन्कलाबी फूल है।
वही है शाहीन बाग! वही है शाहीन बाग!

पूछते हैं आज सभी कहां है शाहीन बाग! 

तिलक करो कि वहां माटी भी महान है!
एकता की आन जहां सब की ही आन है!
वही है शाहीन बाग! वही है शाहीन बाग!

पूछते हैं आज सभी कहां है शाहीन बाग!
                              ---कार्तिका सिंह
(इसका गायन/मंचन करने के इच्छुक अपना सम्पर्क//विवरण 9915322407 पर वाटसअप करें)

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