Tuesday, January 31, 2023

बेटियों के जन्म के बधाई गीत लेखन सहित 4 प्रतियोगिताओं की घोषणा

 Monday 30th January 2023 at 04:54 PM

प्रविष्टयां: अंतिम तिथि 20 फरवरी//सरोकार समूह का आयोजन


भोपाल
: 30 जनवरी 2023: (कार्तिका सिंह//हिंदी स्क्रीन):: 

 एक बच्ची के साथ कुमुद सिंह 
न किसी सरकार से कोई गिला और न ही किसी समाज से कोई शिकायत; बस केवल खुद की कोशिशों के दम पर समाज को बदलने के ज़ोरदार प्रयास। कुमुद सिंह एक पारस की तरह हैं जो भी मिले वह सोना बन जाता है। असली सोने से भी खरे सोने जैसा सच्चा इंसान। इसी तरह बना है कुमुद सिंह जी का विशाल काफिला जो कहता है-जीत ही लेंगें बाज़ी हम तुम खेल अधूरा छूटे न!

पहली मुलाकात में ही चुंबक जैसी शख्सियत की तरह अपना बना लेने वाली कुमुद सिंह के शब्दों में भी बहुत दम होता है और अंदाज़ क्यूंकि उनकी आवाज़ नफा  नुकसान वाले कारोबारी दिल और दिमाग से नहीं आती बल्कि समाज को बदलने वाले उस जनून वाले दिल दिमाग से आती है जिसने सिर्फ एक बात पल्ले बाँधी हुई है कि बाकियों को छोडो हम क्या कर सकते हैं। इसी कोशिश ने उनकी आवाज़ में वह असर पैदा किया है कि उनसे मिल कर उनके विरोधी भी उनकी तरह सोचने लगते हैं। अब उन्होंने एक और नई ज़ोरदार कोशिश की घोषणा की है जिससे समाज को कुछ अक्ल आ सकेगी और इसमें सुधर भी होगा। बच्चियों को बोझ समझने वाले इस नासमझ समाज को बच्चियों की खूबियों का पता चल सकेगा। 

लैंगिक समानता आधारित समाज की रचना के उद्देश्य से अपने अभियान की श्रंखला में सामाजिक संगठन सरोकार द्वारा राष्ट्रीय स्तर पर चार प्रतियोगिताओं की घोषणा की गई है. बेटियों के जन्म के बधाई गीत लेखन की राष्ट्रस्तरीय प्रतियोगिता के साथ ही निबंध लेखन, रील बनाओ, फोटोग्राफी की राष्ट्रीय प्रतियोगिता के लिए भी प्रविष्टयां आमंत्रित की गई हैं. प्रतियोगिताओं  में शामिल होने के लिए  प्रविष्टयां भेजने की अंतिम तिथि 20 फरवरी 2023 है. प्रतियोगिताओं के विजेताओं को आकर्षक पुरस्कारों और प्रमाणपत्र के अलावा सभी प्रतिभागियों को प्रमाणपत्र प्रदान किए जाएंगे। 


सरोकार समूह की सचिव कुमुद सिंह ने बताया कि
सभी प्रतियोगिताएं राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित की जा रही हैं, जिनके नियम और शर्तें तय कर दी गई हैं. बेटियों के जन्म के बधाई गीतों को छोड़कर निबंध लेखन का विषय ‘लैंगिक समानता आधारित दुनिया की रचना मेरी भूमिका”  है और शब्द सीमा अधिकतम 800 शब्द रखी गई है. रील बनाओ प्रतियोगिता का विषय ‘एक जेंडर समावेशी दुनिया’ (a gender inclusive world) है और अवधि 1 मिनट रखी गई है. राष्ट्रीय फोटोग्राफी प्रतियोगिता का विषय ‘ एक जेंडर न्यूट्रल दुनिया कैसी दिखेगी’ ऱखी गई है. प्रतिभागी अपनी प्रविष्टयां एक या उससे अधिक भी भेज सकते हैं. सभी रचनाएं, रील और फोटो प्रामाणिक और मौलिक होना चाहिए. प्रविष्टयां sarokarcompetition@gmail.com या व्हाट्सएप नंबर-9926311225, 7566874989, 8319269297 पर भेजी जा सकती हैं. पीडीएफ अथवा जेपीजी और फोटो जेपीजी फार्मेट में स्वीकार की जाएंगी.

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Wednesday, January 25, 2023

अंतस् की 42 वीं गोष्ठी//दो काव्य-पुस्तकों का विमोचन

Wednesday 25th January 2023 at 01:02 PM

'अभी तो सागर शेष है..' और मन की गली (पार्ट 2) लोकार्पित हुए 


नई दिल्ली
: 21 जनवरी 2023: (
हिंदी स्क्रीन ब्यूरो):: 

स्वतंत्रता के अमृत महोत्सव काल में तथा गणतंत्र दिवस और वसंत उत्सव के माहौल में आयोजित अंतस् की 42 वीं गोष्ठी काव्य के विभिन्न रसों और विधाओं में उत्कृष्ट, मनहर अभिव्यक्तियों से आच्छादित रही।

इस गोष्ठी की अध्यक्षता की डॉ आदेश त्यागी ने। आर डब्ल्यू ए, विवेक विहार, दिल्ली के प्रधान श्री आनंद गोयल  के सान्निध्य में उन्ही के निवास स्थान पर आयोजित इस गोष्ठी में मुख्य अतिथि के रूप में श्री देवेंद्र गिरी (प्रधान ए ब्लॉक) अति विशिष्ट अतिथि श्री शिव कुमार गुप्ता (प्रधान, बाला जी मंदिर) ने अपनी गरिमामयी उपस्थिति से ऊर्जा प्रदान की।

बतौर विशिष्ट अतिथि डॉ तारा गुप्ता ने शिरकत की।

अनुशासित एवं रोचक संचालन  पूनम माटिया का रहा।

श्रीमती अंशु जैन और श्रीमती सुनीता अग्रवाल के श्रेष्ठ संयोजन में आयोजित इस नवरस गोष्ठी में वागीश्वरी के सम्मुख दीप प्रज्ज्वलन के उपरांत वाणी-वंदना अपने सुमधुर स्वर में प्रस्तुत की डॉ ममता वार्ष्णेय ने।

स्वागत उद्बोधन प्रस्तुत किया श्री देवेंद्र प्रसाद सिंह ने।

श्रेष्ठ काव्य प्रस्तुत किया डॉ आदेश त्यागी, डॉ तारा गुप्ता, डॉ ममता वार्ष्णेय, डॉ पूनम माटिया, श्री सत्येंद्र जैन सरस, श्री रजनीश त्यागी राज, डॉ नीलम वर्मा, श्री देवेंद्र प्रसाद सिंह, श्री विनयशील चतुर्वेदी, श्री सुरेशपाल वर्मा जसाला और श्रीमती अनुपमा पांडेय भारतीय ने।

काव्य पाठ की सरस धारा के अतिरिक्त इस गोष्ठी की विशेषता रहा दो काव्य-पुस्तकों का मंचासीन द्वारा विमोचन।

पूनम माटिया कृत 'अभी तो सागर शेष है..' द्वितीय परिष्कृत संस्करण

 तथा 

श्रीमती सुनीता अग्रवाल द्वारा लिखित -मन की गली(पार्ट 2) लोकार्पित हुए।

विशेष उद्बोधनों के क्रम में    मंचासीन अतिथियों द्वारा सभा को संबोधित किया गया तथा श्रीमती पूजा गोयल ने रोचक कविता का  पाठ किया।

सुधि और सहृदय श्रोताओं के रूप में उपस्थित अनेक गणमान्य व्यक्तियों में  श्री नरेश माटिया, श्री निर्मल जैन, श्रीमती पूजा गोयल, श्रीमती राजरानी गुप्ता, श्रीमती ऋतु भाटिया, श्री मनोज शर्मा, श्रीमती सुमन राजदान और श्रीमती बिमला शर्मा शामिल रहे।

अंत में औपचारिक रूप से सभी को श्रीमती अंशु जैन ने सभी की उपस्थिति और काव्यात्मक समिधा हेतु धन्यवाद ज्ञापित किया।

जन-गण-मन के सामूहिक गान के बाद स्वादिष्ट जलपान का सभी ने आनंद लिया। श्री आनंद गोयल जी के नवजात पौत्र की ख़ुशी में ग़ज़ब रसगुल्लों के साथ समाप्त हुई यह अविस्मरणीय गोष्ठी।

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Monday, January 16, 2023

लगातार लोकप्रिय हो रहा है नीलिमा शर्मा का कहानी संग्रह कोई ख़ुशबू उदास करती

Monday: 16th January 2023 at 11:46 AM 

भोपाल में राधा अवधेश स्मृति कथासम्मान से सम्मानित भी किया गया


भोपाल
: 16 जनवरी 2023: (हिंदी स्क्रीन ब्यूरो)::

हिन्दी साहित्य से स्नेह रखने वाले सभी लोगों को यह जानकर अत्यंत प्रसन्नता होगी कि जानीमानी लेखिका नीलिमा शर्मा का कहानी संकलन लगातार लोकप्रिय होता जा रहा है। कल भोपाल में विश्व मैत्री संघ में  कहानी संग्रह कोई ख़ुशबू उदास करती है पुस्तक के लिए नीलिमा शर्मा को राधा अवधेश स्मृति कथासम्मान से सम्मानित किया गया। आयोजन में बहुत से गणमान्य व्यक्ति शामिल हुए। 

यह कार्यक्रम भोपाल में श्यामला हिल्स पर राजीव सभागार मे आयोजित किया गया था। इस समारोह में  कई लोगो को उनके साहित्य समाज मे योगदान के लिए सम्मानित किया गया। वहां पर उनकी कहानी  "टुकड़ा टुकड़ा ज़िंदगी" का कहानी पाठ भी किया गया।

इस कहानी का शशि बंसल जी ने  प्रभावशाली तरीके  से  पाठ किया।  यह कहानी कोरोनाकाल  में लॉकडाउन के समय घर मे कैद  एक सहायिका की मनोस्तिथि  एवं जिजीविषा की कहानी  है। इस कहानी  को मौजूद श्रोताओं द्वारा बहुत सराहा गया। इस कहानी में कोरोनाकाल के उस नाज़ुक दौर में इसका सामना करने वाले लोगों की मानसिक स्थिति और अन्य कठिनाइयों का भी गहन विश्लेषण जैसा प्रस्तुतिकरण है।

इस समारोह में उनके अलावा हरि भटनागर जी एवं  हरीश पाठक जी ने भी अपनी कहानियों का पाठ किया। विश्व मैत्री संस्था की अध्यक्ष सन्तोष श्रीवास्तव जी  ने बहुत कुशलता एवं मनोयोग से इस कार्यक्रम को सम्पन्न कराया। इसके लिए वह बधाई की पात्र है। 

इस मौके पर भोपाल शहर के विभिन्न साहित्यकारों के अलावा अन्य शहरों से आये साहित्यकार भी मौजूद थे। 

नीलिमा शर्मा का यह पहला कहानी संग्रह है। इसमें स्त्री मनोविज्ञान पर आधारित 11 कहानियों को संग्रहित किया गया है। 

स्त्रीमन के विभिन्न कोनों की पड़ताल करती यह कहानियाँ सचमुच बेहतरीन हैं। नीलिमा शर्मा ने  इसके पहले आठ कहानी संग्रहों का संपादन एवं सहलेखन किया है। उनकी  कहानियों का उर्दू, पंजाबी, इंग्लिश, बंगला और जापानी भाषा मे भी अनुवाद हो चुका है।  उनके कहानी संग्रह कोई ख़ुशबू उदास करती  है का पंजाबी वर्जन भी जल्द ही प्रकाशित होगा।

पुरस्कार में शाल श्रीफल पुष्प सम्मानपट्ट के साथ5100  की नकद राशि दी गयी है ।