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Monday, January 16, 2023

लगातार लोकप्रिय हो रहा है नीलिमा शर्मा का कहानी संग्रह कोई ख़ुशबू उदास करती

Monday: 16th January 2023 at 11:46 AM 

भोपाल में राधा अवधेश स्मृति कथासम्मान से सम्मानित भी किया गया


भोपाल
: 16 जनवरी 2023: (हिंदी स्क्रीन ब्यूरो)::

हिन्दी साहित्य से स्नेह रखने वाले सभी लोगों को यह जानकर अत्यंत प्रसन्नता होगी कि जानीमानी लेखिका नीलिमा शर्मा का कहानी संकलन लगातार लोकप्रिय होता जा रहा है। कल भोपाल में विश्व मैत्री संघ में  कहानी संग्रह कोई ख़ुशबू उदास करती है पुस्तक के लिए नीलिमा शर्मा को राधा अवधेश स्मृति कथासम्मान से सम्मानित किया गया। आयोजन में बहुत से गणमान्य व्यक्ति शामिल हुए। 

यह कार्यक्रम भोपाल में श्यामला हिल्स पर राजीव सभागार मे आयोजित किया गया था। इस समारोह में  कई लोगो को उनके साहित्य समाज मे योगदान के लिए सम्मानित किया गया। वहां पर उनकी कहानी  "टुकड़ा टुकड़ा ज़िंदगी" का कहानी पाठ भी किया गया।

इस कहानी का शशि बंसल जी ने  प्रभावशाली तरीके  से  पाठ किया।  यह कहानी कोरोनाकाल  में लॉकडाउन के समय घर मे कैद  एक सहायिका की मनोस्तिथि  एवं जिजीविषा की कहानी  है। इस कहानी  को मौजूद श्रोताओं द्वारा बहुत सराहा गया। इस कहानी में कोरोनाकाल के उस नाज़ुक दौर में इसका सामना करने वाले लोगों की मानसिक स्थिति और अन्य कठिनाइयों का भी गहन विश्लेषण जैसा प्रस्तुतिकरण है।

इस समारोह में उनके अलावा हरि भटनागर जी एवं  हरीश पाठक जी ने भी अपनी कहानियों का पाठ किया। विश्व मैत्री संस्था की अध्यक्ष सन्तोष श्रीवास्तव जी  ने बहुत कुशलता एवं मनोयोग से इस कार्यक्रम को सम्पन्न कराया। इसके लिए वह बधाई की पात्र है। 

इस मौके पर भोपाल शहर के विभिन्न साहित्यकारों के अलावा अन्य शहरों से आये साहित्यकार भी मौजूद थे। 

नीलिमा शर्मा का यह पहला कहानी संग्रह है। इसमें स्त्री मनोविज्ञान पर आधारित 11 कहानियों को संग्रहित किया गया है। 

स्त्रीमन के विभिन्न कोनों की पड़ताल करती यह कहानियाँ सचमुच बेहतरीन हैं। नीलिमा शर्मा ने  इसके पहले आठ कहानी संग्रहों का संपादन एवं सहलेखन किया है। उनकी  कहानियों का उर्दू, पंजाबी, इंग्लिश, बंगला और जापानी भाषा मे भी अनुवाद हो चुका है।  उनके कहानी संग्रह कोई ख़ुशबू उदास करती  है का पंजाबी वर्जन भी जल्द ही प्रकाशित होगा।

पुरस्कार में शाल श्रीफल पुष्प सम्मानपट्ट के साथ5100  की नकद राशि दी गयी है ।

Thursday, August 15, 2013

महामहिम राष्‍ट्रपति से मिला सम्मान

15-अगस्त-2013 08:23 IST
सबंधित क्षेत्रों में हर्ष की लहर
महामहिम राष्‍ट्रपति संस्‍कृत, फारसी अरबी तथा पाली/प्राकृत के निम्‍नलिखित विद्वानों को सहर्ष सम्‍मान-प्रमाणपत्र प्रदान करते हैं -
संस्‍कृत
1.      प्रोफेसर सुब्‍बारावव पेरी
2.      डॉ. कृष्‍ण लाल
3.      डॉ. हंसाबेन एन. हिंडोचा
4.      प्रोफेसर (डा.) चन्‍द्र कांत शुक्‍ला
5.      प्रोफेसर मल्लिकार्जुन बी. पराड्डी
6.      श्री मोहन गुप्‍ता
7.      प्रोफेसर मिथिला प्रसाद त्रिपाठी
8.      प्रोफेसर अलेखा चन्‍द्र सारंगी
9.      पदम शास्‍त्री (पदम दत्‍त ओझा शास्‍त्री)
10.  ड गणेशी लाल सुथार
11.  डा. प्रशस्‍य मित्रा शास्‍त्री
12.  श्री भागीरथ प्रसाद त्रिपाठी ‘वागीश शास्‍त्री’
13.  प्रोफेसर जय शंकर लाल त्रिपाठी

संस्‍कृत (अंतर्राष्‍ट्रीय)1. डॉ. रॉबर्ट पी. गोल्‍डमेन

फारसी1. प्रोफेसर (श्रीमती) क़मर गफ्फार2. श्री एम.एच. सिद्दकी

अरबी1. श्री मोहम्‍मद अज़ीमुद्दीन
2. प्रोफेसर जिक्‍रूर रहमान
3. प्रोफेसर अहमद नसीम सिद्दकी

पाली/प्राकृत

1. प्रोफेसर भिक्षु सत्‍यपाल

इसके अतिरिक्‍त, महामहिम राष्‍ट्रपति संस्‍कृत, फारसी, अरबी तथा पाली/प्राकृत के निम्‍नलिखित विद्वानों को महर्षि वदरायन व्‍यास सम्‍मान भी प्रदान करते हैं :

संस्‍कृत1. डॉ. बलराम शुक्‍ला
2. डॉ. धनंजय वायुदेव द्विवेदी
3. श्री के. वेंकटेश मूर्ति
4. प्रोफेसर नीरज शर्मा
5. डॉ. उपेन्‍द्र कुमार त्रिपाठी

फारसी1. श्री शबीब अनवर अल्‍वी

अरबी1. डॉ. अशफ़ाक अहमद

पाली/प्राकृत1. डॉ. अनेकांत कुमार जैन  यह सम्‍मान स्‍वतंत्रता दिवस पर वर्ष में एक बार संस्‍कृ, फारसी, अरबी तथा पाली/प्राकृत के क्षेत्रों में महत्‍वपूर्ण योगदान के लिए प्रदान किया जाता है।

वि.कासौटिया/इ-अहमद/जुयाल/राजीव-5645

Friday, January 18, 2013

सभी कार्यक्षेत्रों की महिलाओ का सम्मान

भारत को ब्रह्माण्ड़ गुरु की गरिमा वापस दिलाने का प्रयास 
दामिनी की जान हम नहीं बचा पाए उसके बाद इस तरह की घटनायों की मुक्कमल रोकथाम भी नहीं कर पाए लेकिन इस के बावजूद महिला सम्मान को लेकर एक आन्दोलन अवश्य खड़ा हुआ जो लगातार मजबूत हो रहा है। जहाँ एक और महिलायों और उनकी पौशाक को लेकर बहुत ज़िम्मेदार समझे जाने वाले लोग तरह तरह की बातें कर रहे हैं वहीँ इस नाज़ुक समय में महिलायों के समान को लेकर एक विशेष आयोजन भी हो रहा है। महिला रत्नों के सम्मान में आप अपने क्षेत्र की महिलायों के नामांकन भी भेज सकते हैं साथ ही आलेख, सुझाव, सहयोग और विज्ञापन भी। इस विशेष आयोजन में कर्मठसत्यानिष्ठ,  कर्तव्यनिष्ठ,  संघर्षशीलप्रतिभाशालीसमाजसेवीराष्ट्रहित  में कार्य करने वाली सभी कार्यक्षेत्रों की महिलाओ का सम्मान किया जायेगा। आयोजकों का कहना है कि विश्व सभ्यता की रक्षासुरक्षा एवं वसुधैव कुटुम्बकम् की संस्कृति के विकास व विस्तार हेतु संकल्प के साथ इस हाभियान मे सहयोग करों सफलता आपके कदम चूमेंगी। आपका छोटा सा प्रयास भारत को विश्वगुरु ही नही वरन्
ब्रह्माण्ड़ गुरु की प्राचीन गरिमा वापस दिलाएगा। सम्पर्क   : भावना त्यागी भारतीय (011 22528272, 9013666652) और भू त्यागी भारतीय (विश्व चिंतक) (09999466822, 9013666651) आप अपने सुझाव यहाँ भी भेज सकते हैं जिन्हें आयोजकों तक पहुंचा दिया जायेगा।-- रेक्टर कथूरिया 
*महिला रत्नों का सम्मान                                         *सभी कार्यक्षेत्रों की महिलाओ का सम्मान

नामांकन आमन्त्रण महिला और मीडिया 2013 FFF.pdf
2339K   View   Download  

Monday, September 17, 2012

डॉ अ कीर्तिवर्धन को "हिंदी भाषा भूषण "

साहित्य मंडल, श्रीनाथ द्वारा ( राजस्थान) ने किया सम्मानित
मुज़फ्फरनगर -उत्तर प्रदेश के जाने माने वरिष्ठ साहित्यकार,कवि,लेखक,समीक्षक एवं समाजसेवी डॉ अ कीर्तिवर्धन को देश -विदेश में प्रतिष्ठित संस्था "साहित्य मंडल, श्रीनाथ द्वारा ( राजस्थान) ने उनकी हिंदी सेवा के लिए ,हिंदी दिवस पर आयोजित दो दिवसीय सम्मलेन में "हिंदी भाषा भूषण "की मानद उपाधि से अलंकृत किया | हिंदी के विकास को समर्पित इस सम्मलेन में देश की जानी मानी हिंदी प्रेमी हस्तियों ने भाग लिया | श्री भगवती प्रसाद देवपुरा ,प्रधानमंत्री,साहित्य मंडल एवं अन्य अतिथियों द्वारा तिलक लगाकर,शाल उढ़ाकर ,भगवान श्रीनाथ जी की भव्य स्वर्ण जल से हस्त निर्मित तैयार फोटो ,प्रसाद व अलंकरण पत्र प्रदान किया गया | इस अवसर पर सम्मलेन में विचार गोष्ठी,सम्मान समारोह व साहित्यकारों द्वारा बैंड बाजों के साथ नगर भ्रमण द्वारा हिंदी का प्रचार -प्रसार व जागरूकता का आयोजन भी किया गया |
डॉ अ कीर्तिवर्धन देश के बहुप्रकाशित व बहुपठनीय हस्ताक्षर हैं |आपकी अब तक सात पुस्तकें मेरी उड़ान,सच्चाई का परिचय पत्र ,मुझे इंसान बना दो, सुबह सवेरे, दलित चेतना के उभरते स्वर,जतन से ओढ़ी चदरिया तथा चिंतन बिंदु  प्रकाशित हो चुकी हैं | उनके व्यक्तित्व व कृतित्व पर कल्पान्त पत्रिका ने विशेषांक प्रकाशित कर उनके हिंदी योगदान को सराहा | देश की विभिन्न संस्थाओं द्वारा ६० से भी अधिक सम्मान एवं मानद उपाधियाँ , ४०० से अधिक पत्र पत्रिकाओं में प्रकाशित डॉ कीर्तिवर्धन की अनेक रचनाओं का उर्दू,तमिल,अंग्रेजी ,मैथिलि,अंगिका,व नेपाली में अनुवाद व प्रकाशन हो चूका है |
हाल ही में न्यूज़ पेपर्स एंड मैगजीन फैडरेशन ऑफ़ इंडिया द्वारा "एन.एम्.ऍफ़.आई.अवार्ड २०१२" ,ग्वालियर साहित्य एवं कला परिषद्,ग्वालियर (मध्य प्रदेश ) द्वारा "उत्कृष्ट हिंदी सेवी सम्मान",तथा साहित्य सरोवर,सिरुगुप्पा (बल्लारी) कर्णाटक द्वारा "साहित्य गौरव" सम्मान प्रदान किये गए |
जतन से ओढ़ी चदरिया तथा चिंतन बिंदु आपकी बहुचर्चित पुस्तकें हैं |
उनसे सम्पर्क का पता है:
अभिषेक वर्धन 
४६७/९,केशव पुरी
मुज़फ्फरनगर-२५१००१
०९५५७४०३७८९