Showing posts with label डॉ अ कीर्तिवर्धन. Show all posts
Showing posts with label डॉ अ कीर्तिवर्धन. Show all posts

Sunday, September 22, 2013

काव्य रचना// रिवाज़// डॉ अ कीर्तिवर्धन

दीवार खिंची आँगन में,मन भी बँट गए,
जब से अलग चूल्हे का चल गया रिवाज !

रहते थे एक घर में ,परिवार एक साथ,
अकेले रहने का अब चल गया रिवाज़ |

टूटने लगे हैं घर जब से गली गाँव में,
बच्चों के मन से बुजुर्गों का मिट गया लिहाज |

दीवार खिंची आँगन में,मन भी बँट गए,
जब से अलग चूल्हे का चल गया रिवाज |

दीवारें क्या खिंची माँ-बाप बँट गए,
बताने लगे हैं बच्चे अब खर्च का हिसाब |

मुश्किल है आजकल बच्चों को डांटना,
देने लगे हैं बच्चे हर बात का जवाब |

दिखते नहीं हैं बूढों के भी बाल अब सफ़ेद,
लगाने लगे हैं जब से वो बालों में खिजाब |

दौलत की हवस ने "कीर्ति" कैसा खेल खेला,
बदल गया है आजकल हर शख्स का मिजाज |


डॉ अ कीर्तिवर्धन अपने लेखों आलेखों की तरह काव्य रचना में भी अपनी कला अक्सर दिखाते रहते हैं। 
उनका सम्पर्क नबर है:
8265821800


काव्य रचना// रिवाज़// डॉ अ कीर्तिवर्धन

Monday, September 17, 2012

डॉ अ कीर्तिवर्धन को "हिंदी भाषा भूषण "

साहित्य मंडल, श्रीनाथ द्वारा ( राजस्थान) ने किया सम्मानित
मुज़फ्फरनगर -उत्तर प्रदेश के जाने माने वरिष्ठ साहित्यकार,कवि,लेखक,समीक्षक एवं समाजसेवी डॉ अ कीर्तिवर्धन को देश -विदेश में प्रतिष्ठित संस्था "साहित्य मंडल, श्रीनाथ द्वारा ( राजस्थान) ने उनकी हिंदी सेवा के लिए ,हिंदी दिवस पर आयोजित दो दिवसीय सम्मलेन में "हिंदी भाषा भूषण "की मानद उपाधि से अलंकृत किया | हिंदी के विकास को समर्पित इस सम्मलेन में देश की जानी मानी हिंदी प्रेमी हस्तियों ने भाग लिया | श्री भगवती प्रसाद देवपुरा ,प्रधानमंत्री,साहित्य मंडल एवं अन्य अतिथियों द्वारा तिलक लगाकर,शाल उढ़ाकर ,भगवान श्रीनाथ जी की भव्य स्वर्ण जल से हस्त निर्मित तैयार फोटो ,प्रसाद व अलंकरण पत्र प्रदान किया गया | इस अवसर पर सम्मलेन में विचार गोष्ठी,सम्मान समारोह व साहित्यकारों द्वारा बैंड बाजों के साथ नगर भ्रमण द्वारा हिंदी का प्रचार -प्रसार व जागरूकता का आयोजन भी किया गया |
डॉ अ कीर्तिवर्धन देश के बहुप्रकाशित व बहुपठनीय हस्ताक्षर हैं |आपकी अब तक सात पुस्तकें मेरी उड़ान,सच्चाई का परिचय पत्र ,मुझे इंसान बना दो, सुबह सवेरे, दलित चेतना के उभरते स्वर,जतन से ओढ़ी चदरिया तथा चिंतन बिंदु  प्रकाशित हो चुकी हैं | उनके व्यक्तित्व व कृतित्व पर कल्पान्त पत्रिका ने विशेषांक प्रकाशित कर उनके हिंदी योगदान को सराहा | देश की विभिन्न संस्थाओं द्वारा ६० से भी अधिक सम्मान एवं मानद उपाधियाँ , ४०० से अधिक पत्र पत्रिकाओं में प्रकाशित डॉ कीर्तिवर्धन की अनेक रचनाओं का उर्दू,तमिल,अंग्रेजी ,मैथिलि,अंगिका,व नेपाली में अनुवाद व प्रकाशन हो चूका है |
हाल ही में न्यूज़ पेपर्स एंड मैगजीन फैडरेशन ऑफ़ इंडिया द्वारा "एन.एम्.ऍफ़.आई.अवार्ड २०१२" ,ग्वालियर साहित्य एवं कला परिषद्,ग्वालियर (मध्य प्रदेश ) द्वारा "उत्कृष्ट हिंदी सेवी सम्मान",तथा साहित्य सरोवर,सिरुगुप्पा (बल्लारी) कर्णाटक द्वारा "साहित्य गौरव" सम्मान प्रदान किये गए |
जतन से ओढ़ी चदरिया तथा चिंतन बिंदु आपकी बहुचर्चित पुस्तकें हैं |
उनसे सम्पर्क का पता है:
अभिषेक वर्धन 
४६७/९,केशव पुरी
मुज़फ्फरनगर-२५१००१
०९५५७४०३७८९