9th January 2022 at 5:25 pm
निराशा के दौर में भी आशा जगाती काव्य रचना
लुधियाना: 9 जनवरी 2022: (कार्तिका सिंह//हिंदी स्क्रीन)::
डा. अनु मेहता गुजरात से हैं। प्राचार्य हैं और हिंदी में लिखती हैं। हिंदी साहित्य को समृध्द बनाने के लिए वक्त निकालती हैं। व्यापार के लिए प्रसिद्ध गुजरात में रहते हुए भी दिल की बात सुन लेना और दिल की बात कर लेना किसी चमत्कार से कम तो नहीं। उनकी इस काव्य रचना में भाव तो हैं लेकिन उन्हें बाँधने वाले संगीत में अभी उन्हें काफी मेहनत की ज़रूरत है। प्रयास होगा उनकी अन्य रचनाएं भी जल्द ही आपके सामने लाईं जाएं। -कार्तिका सिंह।
डा. अनु मेहता |
चाहत है सब के होठों पर फिर से इक मुस्कान आए।
उदास अंधेरों से भरी रात को अलविदा कह दो
उम्मीदों की नई सुबह, सपनों की नई शाम आए।
गुज़रे रास्तों में खड़े हैं रंजोगम के काफिले बहुत,
दिल की आरजू है ऐसे सफर पर विराम आए।
गमों की धूप ने ज़िंदगियों को झुलसाया बहुत है,
ज़मीं पर उसकी रहमतों वाला आसमान आए ।
खोया बहुत कुछ है इस बीते साल हम सबने ,
दुआ है ये नया साल खुशियों के पैगाम लाए।
डॉ.अनु मेहता
प्राचार्य,
आनंद इंस्टीट्यूट आफ पी.जी स्टडीज इन आर्ट्स ,आनंद गुजरात
मोबाइल नंबर+91 95103 64844
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