7th January 2022 at 10:41 pm
आशा बन जाओ किसानों में
सभी के लिए खुशियां मांगती काव्य रचना आज के दौर में एक अजीब लेकिन सुखद अहसास देती है। आजकल रिवाज पड़ गया है न अपने लिए, अपने समुदाय के लिए सब कुछ मांगना लेकिन अन्यों को नज़रअंदाज़ कर जाना। ऐसे स्वार्थ पूर्ण दौर में भी विशेष झौंका आया है पठानकोट से। जैसे पठानकोट में खुलापन, सादगी और प्रकृति की सुंदरता है कुछ वही अहसास है इस रचना में भी। नव वर्ष पर सभी के लिए खुशियां मांगीं हैं डॉ• अनुराधा शर्मा ने नव वर्ष पर लिखी अपनी काव्य रचना में। -कार्तिका सिंह
नव वर्ष प्रभात बेला |
मंगलमय
नूतन कान्तिमय बेला |
तुम्हारा आविर्भाव
है आशीर्वाद मानव हित |
तुम विराजो
हृदय सुआसन पर |
हो सराबोर
सम्पूर्ण विश्व पटल |
हे! नूतन बेला
खुशियाँ भर दो हर जन में,
जीवन भर दो प्राणों में,
आशा बन जाओ किसानों में,
हरियाली भर दो खलिहानो में,
स्वर बन जाओ प्रभाषी का,
प्रतिभा में साहस भर दो,
मानव हृदयस्पर्शी हो तुम |
स्वागत आशामयी बेला |
स्वागत नव अमृत बेला ||
डॉ• अनुराधा शर्मा,
हिंदी अध्यापिका
सससस नौशहरा नल बंदा |
ज़िला पठानकोट-145001
पंजाब |
फ़ोन - 9417194708
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