8th January 2022 at 3:09 pm
घटनाएं भी नये रुप में आएंगी
लुधियाना: 11 जनवरी 2022: (कार्तिका सिंह//हिंदी स्क्रीन)::
विकास तो हो रहा है लेकिन इस विकास के साथ पुराना सब कुछ मिटता चला जा रहा है। वो लैंडमार्क जो न जाने कब से ज़हन में थे वे अब नहीं रहे। जिस दौर में हमने बचपन देखा उस दौर की सभी निशानियां मिटटी चली जा रही हैं। इस दर्द को मेहसुस किया है शायरा डा. वंदना गुप्ता ने। इसके बाद शज़र ने न कोई शिकवा किया न ही कोई शिकायत। अपनी आशा भी नहीं टूटने दी। मिले जुले भावों और अनुभूतियों की अभिव्यक्ति करती है यह काव्य रचना। --कार्तिका सिंह
नये साल का
स्वागत
आशावान होना
भविष्य के लिए
शायद इस वर्ष भी होगा
कुछ नया
बदलेगा किसी
पुराने शहर का ढांचा
कोठियां बदलेंगी
होटलों में
घर दरबों में
सड़कें
फ्लाईओवरों में
बाज़ार माल में
देशी विदेशी सामानों
में मिलेगा सब कुछ
नयी रंगत के लिए
घटनाएं भी
नये रुप में आएंगी
नया साल है
आखिर
बनते बिगड़ते
रिश्तों की होगी
लम्बी फेरहिस्त
फेसबुकियां मित्रों की
सूची में जुड़ेंगे
नये नाम
ताक पर रखें
देश की पुरानी आत्मा को
छीला जाएगा
इस बार भी
नए मुद्दों को लेकर
भ्रमित होगी
मर्यादाएं
अरे हां,
पुरानी संस्कृतियों को भी
पहनाया जाएगा
नया जामा
नया साल है
आखिर कुछ तो
होगा नया
नया साल है
आखिर।
#डाॅ वन्दना गुप्ता
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