Monday, January 3, 2022

कविता कथा कारवां ने किया विशेष साहित्यिक आयोजन

3rd January 2022 at 3:33 PM

 2021 को विदा करके 2022 को सुस्वागतम कहा  


लुधियाना
: 3 जनवरी 2021: (कार्तिका सिंह//हिंदी स्क्रीन)::

उम्र निकल जाती है लेकिन ज़िंदगी का अहसास अनदेखा और अनछुया ही रह जाता है। उम्र और ज़िंदगी का राब्ता एक सपना रह जाता है। कभी इनका आमना सामना हो भी जाए तो बीएस पलक भर वक्त ही मिलता है। तब अहसास होता है कितनी क्षणभंगुर है ज़िंदगी। मन के अरमान मन में ही रह जाते हैं और हर बार पुराना साल निकल जाता है। रेत की तरह मुट्ठी में से निकल जाती है ज़िंदगी। 

हर बार नव वर्ष का आना और पुराने वर्ष का चले जाना एक विचलित करने वाला समय होता है। विदेशों की बात छोड़िए हम तो अतीत से आज भी प्रेम करते हैं। अतीत के एक एक पल से नए नए सबक सीखते हैं इसलिए उसे विदा भी प्रेम से ही करते हैं। नोटबुक का पेज फाड़ने की तरह उसे खुद से अलग नहीं कर देते। ऐसा सम्भव भी नहीं-ऐसा होना भी नहीं चाहिए। ज़बरदस्ती भुलाए गए लोग और पल ज़्यादा याद आने लगते हैं। विदा किए गए लोग और पल शांति और सांत्वना देने याद आते हैं। 

ऐसे में बहुत मुश्किल होता है नव वर्ष को सुस्वागतम कहना। क्रिसमस के बाद नए वर्ष की सेलिब्रेशन का रिवाज जिन लोगों ने भी चलाया वे बहुत हिम्मतवर लोग ठहरे होंगें। सर्दी के कहर की ठंडक का सामना करते हुए गर्मजोशी ले आना आसान तो नहीं रहा होगा। हमारे देश का कैलेंडर भी अलग है और मौसम का हिसाब किताब भी। त्यौहार भी इसी आधार पर हैं।  दुनिया के बड़े हिस्से की सुर से सुर मिलाते हुए कविता कथा कारवां ने भी इस बार जाते हुए वर्ष को विदायगी भी दी और आते हुए वर्ष को सुस्वागतम भी कहा। कविता कथा कारवां ने साहित्य की बात करते हुए किया विशेष साहित्यिक आयोजन किया। जाते हुए वर्ष में हमसे बिछड़े हुए अपनों को याद भी किया। नव आगुन्तकों में नई नई संभावनाएं भी देखीं। उन्हें प्रोत्साहन देने के लिए उनकी पीठ भी थपथपथाई। 

इस अनूठे अंदाज़ में कविता कथा कारवांँ (रजि.) ने स्थानीय माया नगर के सेठ कांफ्रेंस हॉल में पिछले साल को विदाई देने और नए साल 2022 की शुभकामनाएं देने के लिए एक दिलकश समारोह का आयोजन किया जिसमें विधायक कुलदीप सिंह वैद मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थे। डाक्टर रविंद्र सेठ दशकों से साहित्य और समाज सेवा से जुड़े लोगों को प्रोत्साहित करते आ रह हैं। 

इसी तरह एम एल ए कुलदीप सिंह वैद भी गैरराजनीतिक पृष्ठ भूमि से सियासत में आए हैं तांकि सियासत के ज़रिए समाज का कुछ संवारा जा सके। उन्होंने कहा कि समाज में नेतृत्व करना साहित्यकारों और लेखकों की जिम्मेदारी है। उन्हें अपनी इस ज़िम्मेदारी को निभाने के लिए बढ़चढ़ कर आगे आना चाहिए। श्री वैद 1992 बैच के पीसीएस अधिकारी हैं जिन्हें 2007 में ए आई एस के तौर पर पदोन्नत किया गया। अपनी राजकीय सेवा के दौरान वह मोगा के दीप्ती कमिश्नर भी रहे और ग्लाडा के अतिरिक्त मुख्य प्रशासक भी। इस तरह के अनुभवी लोग जब सत्ता में एते हैं तो आम जनता को इसका काफी फायदा होता है। दुनिया के बहुत से देशों-अमेरिका, कनेडा, इंग्लैण्ड, सिंगापुर, थाईलैंड,साऊदी अरबिया और हांगकांग इत्यादि में भी अच्छी तरह वहां के कल्चर को देख चुके हैं। पंजाब को वैसा ही बनाने के लिए अग्रसर भी हैं। निश्चय ही कलम वालों को भी इस जज़्बात का फायदा होगा ही होगा चाहे कुछ देर सवेर बेशक हो जाए। 

कविता कथा कारवांँ की संस्थापिका और अध्यक्षा डॉ. जसप्रीत कौर फ़लक ने काव्यात्मक अंदाज में नव वर्ष की बधाई दी और संगठन की गतिविधियों पर प्रकाश डाला। गौरतलब है की अति व्यस्त होने के बावजूद डाक्टर जसप्रीत कौर फलक किसी किसी न मुद्दे पर कोई न कोई आयोजन करते रहती हैं। कोविड-19 ने जो अंतराल पैदा क्र दिया था उसे तोडना आसान नहीं था लेकिन फलक अपनी टीम के साथ तभी से निरंतर लगी है कि इस दूरी को मिटाना भी है और कोरोना को हराना भी है।  कहीं हम कोरोना की दहशत के कारण आपस में मिलना जुलना ही न भूल जाएं। इस अवसर पर विभिन्न कवियों ने भी अपनी रचनाओं की प्रस्तुति दी। ज्योतिष, पत्रकारिता और कला के ले बहुत पुराने समय से सक्रिय सुखमिंदर सिंह ने मुख्य अतिथि के बारे में जानकारी दी।

शायरों में से त्रैलोचन लोची, डॉ. रविंदर चंदी, हरदीप बिरदी, अशोक धीर,सुखमिंदर सिंह एशियन क्लब, प्रगट सिंह रंधावा,अशोक धीर, जिमी अहमदगढ़ और आंचल जिंदल जैसे प्रमुख कवियों ने इस काव्य दरबार और चर्चा में भाग लिया।  कार्यक्रम की शुरुआत शैली वाधवा के स्वागती भाषण से हुई।  मंच प्रबंधन की भूमिका धर्मेंद्र शाहिद खन्ना ने निभाई थी।  

इस सुअवसर पर दर्शकों में विशेष रूप से जसबीर कौर, बलकार सिंह, बखप्रीत सिंह, तमन्ना, सुखप्रीत कौर, हर्षदीप कौर, जसविंदर कौर, दलजीत कौर आदि शामिल थे।  कविता पाठ कारवांँ यूनिट के क्रिएटिव राइटर्स के नवकमल सिंह, नवप्रीत सिंह हैरी, हरमीत पोएट ने कविता पाठ में भाग लिया।  हरमीत पोएट ने संस्था की अध्यक्ष डॉ. जसप्रीत कौर फ़लक को काव्यात्मक चित्र भेंट किया।  कविता कथा कारवांँ सचिव जसबीर कौर और डॉ. रविंदर सेठ ने इस भव्य आयोजन की सराहना की।  मुख्य अतिथि को प्रतीक चिन्ह और उपाधियांँ देकर सम्मानित किया गया। अंत में संस्था के उपाध्यक्ष डॉ जगतार धीमान ने धन्यवादी शब्द कहे। संस्था द्वारा भाग लेने वाले कवियों एवं अतिथियों को सम्मानित किया गया।

कुल मिलकर यह आयोजन भी यादगारी रहा। जो रास्ते छूट गए उन पर फिर से चलने का मन मज़बूत किया गया। जो सपने सधुरे रहे उन्हें साकार करने के लिए फिर से कसम खाई गई। किसी की ज़िंदगी में कोई दुःख न रहे इसका संकल्प भी किया गया। कलम के बहाने एक परिवार और एक काफिले को मज़बूत किया गया। 

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