Tuesday, December 14, 2021

मीरा, महादेवी वर्मा और अमृता प्रीतम-परंपरा की उत्तराधिकारिणी:जसप्रीत कौर फ़लक

पुस्तक लोकार्पण के आयोजन में शामिल हुई प्रमुख शख्सियतें 


लुधियाना
: 12 दिसंबर 2021: (रेक्टर कथूरिया//हिंदी स्क्रीन)::

पाकिस्तान की मरहूम लेखिका बानो कुदसिया ने एक लम्बी कहानी या फिर नावलैट जैसी एक रचना लिखी थी आठवां रंग। यह कहानी बहुत सी भाषाओं में अनुवाद हो कर भी छपी। जिस जिस ने भी इस कहानी को पढ़ लिया वह इसे भूल नहीं पाया। हमारी ही ज़िंदगी में हमारे ही आसपास ऐसा बहुत कुछ घटित होता है जिसकी झलक का अहसास इस कहानी में  मिलता है। वैसे खतरा भी कि यह कहानी बहुत से लोगों को चिंताजनक हद तक निराशा में भी धकेल सकती है। इसे पढ़ पाना और फिर पहले की तरह बने रहना सब के बस का नहीं है। पंजाबी में इस अनुवाद को सर्वप्रथम अमृता प्रीतम ने अपनी लोकप्रिय रही पत्रिका "नागमणि" में प्रकशित किया था। फिर इस कहानी को अमृता जी ने अपने संकलन "13 अवाज़ां" में भी शामिल किया जिसे प्रकशित किया था दिल्ली के उस समय के जाने माने प्रकाशक राज पैकेट बुक्स ने। शयद चली पचास वर्ष पूर्व। बाद में यह किताब भी नज़र नहीं आ सकी और न ही यह कहानी भी। फिर शब्द नाम की पत्रिका ने जब बानो कुदसिया पर विशेषांक प्रकाशित किया थी फिर इस कहानी की चर्चा दोबारा से शुरू हुई। जब जसप्रीत कौर फलक की नयी पुस्तक मार्किट में आयी तो बानो कुदसिया की कहानी भी फिर से ज़हन में आ गई। इसी तरह आठवें रंग की तलाश में बेचैन लोगों की तलाश हमारी टीम को भी रहती है। वास्तव में कुछ गिनेचुए लोग ही ारहवें रंग में भटकना को गले लगते हैं। इसी तलाश में मुलाकात हुई जसप्रीत फलक से। वह भी आठवें रंग की तलाश में है। खूबसूरती के साथ साथ कलम का जूनून और अध्यापन का प्रोफेशन। आम तौर पर ऐसे लोग बेहद व्यस्त रहते हैं।आराम का भी वक्त नहीं मिल पाता लेकिन जसप्रीत फलक ने तो साहित्य साधना के लिए पुरा वक्त निकाला। 

साहित्यिक संस्था 'कविता कथा कारवां' (रजि.) एवं 'कथा कारवां प्रकाशन' की ओर से प्रसिद्ध हिन्दी कवयित्री जसप्रीत कौर फ़लक के नये पंजाबी कविता संग्रह 'अठवें रंग दी तलाश' का लोकार्पण पंजाबी भवन, लुधियाना में पंजाबी साहित्य अकादमी के अध्यक्ष एवं प्रसिद्ध साहित्यकार प्रो. रविंदर भट्ठल की अध्यक्षता में आयोजित एक भव्य समारोह सम्पन्न हुआ। ज़िला भाषा अधिकारी श्री संदीप शर्मा मुख्य अतिथि के रूप में पधारे। 

कनाडा से प्रवासी साहित्यकार मीता खन्ना विशिष्ट अतिथि के रूप में तशरीफ़ लाईं। वरिष्ठ साहित्यकार त्रिलोचन लोची ने सभी उपस्थित साहित्य प्रेमियों का स्वागत करते हुए जसप्रीत कौर फ़लक को पंजाब की श्रेष्ठ संभावनाशील कवयित्रियों में स्थान दिया। इस अवसर पर पुस्तक 'अठवें रंग दी तलाश' पर एक सारगर्भित विचार चर्चा भी करवाई गई। 

विख्यात साहित्यकार-आलोचक प्रिंसिपल डॉ. गुरइकबाल सिंह ने जसप्रीत कौर फ़लक के संवेदना एवं रचना संसार पर विस्तृत प्रकाश डालते हुए उन्हें भोगे हुए यथार्थ की कवयित्री सिद्ध किया और हिंदी भाषी होते हुए भी उत्कृष्ट पंजाबी सृजन के लिए उनकी सराहना की। विचार चर्चा को आगे बढ़ाते हुए वरिष्ठ शायर सरदार पंछी समेत हरमीत विद्यार्थी, मनिंदर गोगिया, सहजप्रीत मांगट, परमजीत सिंह सोहल, चरनजीत सिंह, करमजीत ग्रेवाल, शैली वधवा,अजमेर सिंह आदि ने जसप्रीत कौर फ़लक के रचना संसार के विविध पहलुओं पर विस्तार से प्रकाश डाला। राजेन्द्र साहिल ने उनकी अनुभूति की प्रामाणिकता और सच्चाई को रेखांकित करते हुए उन्हें मीरा, महादेवी वर्मा और अमृता प्रीतम की परंपरा की उत्तराधिकारिणी सिद्ध किया। 

इसी के साथ-साथ संंस्था 'कविता कथा कारवां' के न्यूज लैटर का भी उपस्थित साहित्य प्रेमियों के कर-कमलों के द्वारा विमोचन भी किया गया। कार्यक्रम में प्रसिद्ध गायक धर्मेंद्र मसाणी, जतिंदर जीतू एवं गुरदर्शन धूरी और मीता खन्ना ने जसप्रीत कौर फ़लक को जन्मदिन की बधाई देते हुए उनकी ग़ज़लों का सुमधुर गायन प्रस्तुत किया। समारोह में आयोजित कवि दरबार में अमरजीत शेरपुरी, हरमीत पोएट, हरजीत लाडवा, जसकीरत सिंह, नवकमल सिंह, नवप्रीत सिंह, सारा सैफ़ी आदि ने जसप्रीत फ़लक की काव्य रचनाएं प्रस्तुत करते हुए अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। इसके अतिरिक्त संस्था द्वारा करवाए गए यू-ट्यूब लाइव कार्यक्रम में भाग लेने वाले नवोदित कवि-कवयित्रियों नभराज सिंह, हर सिमर सिंह एवं दिलप्रीत कौर को विशेष पुरस्कार प्रदान कर सम्मानित किया गया। 

इस अवसर पर तरसेम नूर, सागर सियालकोटी, अमृतपाल गोगिया, हरदीप विरदी, वरिंदर जटवाणी, इरादीप त्रेहन, राजदीप तूर, मीनू कटारिया, सिमरन धुग्गा, सिमरतजीत कौर, मनिंदर कौर मन, अनु शर्मा, अनु पुरी एवं अन्य साहित्यिक व्यक्तित्व उपस्थित थे। कार्यक्रम में उपस्थित समस्त साहित्य प्रेमियों, साहित्यकारों एवं विशिष्ट अतिथियों को स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया गया। मंच संचालन की परिश्रम साध्य भूमिका प्रसिद्ध गीतकार प्रभजोत सोही ने निभाई। अंत में धर्मेंद्र शाहिद एवं जसप्रीत कौर फ़लक ने समस्त आगंतुकों को सहृदय धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत करते हुए आभार प्रकट किया।

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