कविता कथा कारवां द्वारा गांधी जयंती पर हुआ आयोजन
लुधियाना: 4 अक्टूबर 2020: (हिंदी स्क्रीन ब्यूरो)::
देश की मौजूदा हालत पर जागरूक नागरिक बन कर नज़र रखने वाले सभी शायर और लेखक भी बेहद चिंतित हैं। हाथरस में हुई जघन्य हत्या ने सभी को हिला कर रख दिया है। लेखन और शायरी को समर्पित गंभीर संगठन "कविता कथा कारवां" की तरफ से हुए आयोजन में स्पष्ट तैर पर यह आवाज़ बुलंद हुई कि आज वह भारत तो कहीं नज़र ही नहीं आ रहा जिसके सपने महात्मा गांधी जी ने देखे थे। सीमा पार सक्रिय दुश्मनों को ललकारने वाले शास्त्री जी अगर आज हमारे दरम्यान होते तो सबसे पहले सीमाओं के अंदर बैठे समाज दुश्मनों को सबक सिखाते। अफ़सोस के निर्भया कांड के बाद भी ऐसी जघन्य और अमानवीय वारदातें बार बार हुईं। देश की बहु बेटियों के लिए कोई छोटा सा कोना भी सुरक्षित नहीं। कभी कठुआ, कभी उन्नाव और अब हाथरस। बहुत दुखद और चिंतनीय स्थिति बन चुकी है। गौरतलब है कि यह आयोजन भी सच बोलने की जुर्रत दिखाने वाली हिम्मतवर शायरा जसप्रीत कौर फलक की देखरेख में हुआ।
राष्ट्रपिता महात्मा गांधी तथा पूर्व प्रधान मंत्री श्री लाल बहादुर शास्त्री जी के जन्मदिन 2 अक्टूबर को मनाने के लिए संस्था कविता कथा कारवाँ के तहत,यू ट्यूब लाइव कार्यक्रम करवाया गया जिसमे विचार गोष्ठी, कवि सम्मेलन आदि कार्यक्रम आयोजित किए गए। आज के लिए महात्मा गाँधी जी व श्री लाल बहादुर शास्त्री जी के विचारों की सार्थकता पर' कविता पाठ एवं विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया। सर्वप्रथम सुश्री शैली वधवा ने 'रघुपति राघव राजा राम' से कार्यक्रम का प्रारंभ किया। मंच की अध्यक्षा जसप्रीत कौर फ़लक ने सभी प्रतिष्ठित जनों का मंच पर स्वागत किया। अनेक सम्माननीय कवियों ने कविता के माध्यम से अपने विचार पेश किए । उन्होंने कहा कि बढ़े दु:ख को बात है कि आज भारत मे ऐसा कुछ फिर से हो रहा है जिसकी गांधी जी भर्त्सना किया करते थे। डा अनु मेहता, रिशमजोत संघा विरक, आकाश ठाकुर, ज्योति बजाज, प्रभदयाल, इरादीप तरेहण, गुरमीत कौर, डा गोकुल क्षत्रीय, डा अनु शर्मा कौल, हरदीप विरदी, डा सुमन शर्मा और शैली वाधवा ने अपनी भावनाओं को कविता के माध्यम से वयक्त किया। भावनाऐं गांधी जी व श्री लाल बहादुर शास्त्री जी को समर्पित रहीं। हाल ही मे हाथरस मे घटी लड़की के बलात्कारोपरांत कत्ल की घिनौनी घटना की निंदा की गई क्यूंकि इस घटना ने सभी को उद्धेलित कर रखा था।
डा जगतार धीमान ने अपने भाषण में गाँधी जी तथा श्री लाल बहादुर शास्त्री जी के जीवन सिद्धांतों का ज़िक्र करते हुए बुरा न सुनने, बोलने व देखने के साथ साथ अहिंसा, शांति, सच्चाई, सहिष्णुता, आदि की आज अधिक आवश्यकता को दरसाया। उन्होंनें गांधी व शास्त्री जी श्रद्धांजलि देती हुई अपनी कविता भी पढ़ी। अध्यक्षा जसपरीत कौर फलक ने कहा कि आज विश्व स्तर पर गांधी जी की के दर्शन व जीवन शैली की बढती हुई पसंद का जिक्र करते हुए कहा किआज युवा वर्ग को देशभक्ति के साथ साथ अहिंसा को अपनाने के लिए प्रेरित किया जाना चाहिए। इसी के साथ मैडम फ़लक द्वारा सभी अतिथियों को धन्यवाद दिया गया और शुभकामनाएं देकर अंत में राष्ट्रगान के साथ सभा का समापन किया गया।
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