Tuesday, November 26, 2024

इस आख़री सफर को नाकाम तो मत कह

हिंदी में सियासत की बात करने वाली पत्रिकाओं में भी साहित्य के ज़रिए बहुत ही खूबसूरत अंदाज़ में बहुत कुछ कहा जा रहा है। इस बार देखिए हिंदी सामना में अनुराधा सिंह का अंदाज़:


इस तीरगी को आखिरी पयाम तो मत कह

इस इब्तिदा को अपना अंजाम तो मत कह

इंसानियत है अब भी बाकी जहान में

हैवानियत भरी है आवाम तो मत कह

तेरा ख़ुदा वही है जो मेरा ईश है

इतनी सी बात पर तू कत्लेआम तो मत कह

ये मृगमरिचिका है है भूलभुलैया

इसको ख़ुदा का पावन पैगाम तो मत कह

हम आए हैं वहीं से जाएंगे भी वहीं

इस आख़री सफर को नाकाम तो मत कह

                        ---@अनुराधा सिंह

हिंदी सामना से साभार