Hindi Poem Posted by Haridyesh Mayank on 26th November 2024 at 5:55 PM FB
दिल मेरा इश्तहार जैसा है.... !
लम्हा- लम्हा उधार जैसा है
सारी दुनिया ख़रीद ली मैंने
फिर भी दिल बेक़रार जैसा है
ज़िन्दगी रूठकर निभाती रही
उसका गुस्सा भी प्यार जैसा है
हर तरफ़ ,शोर है ,तमाशा है
सारा मंज़र ग़ुबार जैसा है
हर्फ़-ब-हर्फ़ आईने की तरह
दिल मेरा इश्तहार जैसा है।
----सोशल मीडिया से साभार ह्रदयेश मयंक
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