Tuesday, May 3, 2022

ज़िंदगी का असली संदेश देती हुई रजनी शर्मा की एक नई रचना

 अक्षय तृतीया , ईद एवं परशुराम जयंती की हार्दिक शुभकामनाएं 

रजनी शर्मा अध्यापन के क्षेत्र में है और प्राकृतिक सौंदर्य के नज़दीक रहने का सौभाग्य भी। उनकी रचना भी बहुत ही सलीके और  कोई न कोई सीख देती है। इसका अहसास आपकी उनकी यहां दी जा रही रचना पढ़ कर भी होगा। बहुत ही बेबाकी से बहुत ही पते की बात। --रेक्टर कथूरिया 

Pexels Photo by Alena Darmel

दिल में इतना ज़हर न घोलो।

 ईद मुबारक सबको बोलो ।


नर्क सरीखी कर दी दुनिया,

नफ़रत से क्यों भर दी दुनिया,

 विष अमृत में अब ना घोलो।

ईद मुबारक सबको बोलो ।।


पूजा और अजान करें हम,

गीता और कुरान पड़ें हम,

प्यार ख़ज़ाने अब तो खोलो।

ईद मुबारक सबको बोलो।।


अपनों से ना डर लगता हो,

 अपना घर अपना लगता हो,

 फिर नानक सा तेरह तोलो,

ईद मुबारक सबको बोलो।।


सच हो अब ज़ुबान पे सब के,

पत्थर उछले न मकान पे सब के,

आपस की नफ़रत को छोड़ो।

ईद मुबारक सबको बोलो।।

!!रजनी शर्मा!!  

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