पूरी कहानी बता रहे हैं जाने माने लेखक राजिंद्र साहिल
लुधियाना: 31 जुलाई 2022: (राजिंद्र साहिल//हिंदी स्क्रीन)::
आज महान कथाकार प्रेमचंद की जयंती है। इस अवसर उन्हें बड़ी आत्मीयता से याद भी किया जा रहा है। उनके नाम के साथ 'मुंशी' शब्द का प्रयोग भी धड़ल्ले से किया जा रहा है। दरअसल वे मुंशी जैसे किसी पद पर कभी कार्यरत नहीं रहे। फिर यह 'मुंशी' आया कहां से?"हंस' पत्रिका जब आरंभ की गई, तब उसके दो संपादक निश्चित हुए। पहले प्रसिद्ध साहित्यकार कन्हैयालाल माणिकलाल मुंशी और दूसरे स्वयं प्रेमचंद। संपादक के तौर पर दिया गया : मुंशी - प्रेमचंद।
बाद में इन दोनों शब्दों के बीच से '-' हाइफन भुला दिया गया और कन्हैयालाल माणिकलाल मुंशी का 'मुंशी' प्रेमचंद के साथ जुड़ गया और वे बन गये मुंशी प्रेमचंद।
(प्रेमचंद की पत्नी शिवरानी देवी द्वारा लिखित प्रेमचंद की जीवनी 'प्रेमचंद घर में' इस तथ्य का उद्घाटन किया गया है।
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