Friday, February 15, 2013
इलाहाबाद कुंभ मेले में ध्वनि और प्रकाश कार्यक्रम
15-फरवरी-2013 17:58 IST
कुल अवधि 2 घंटे 20 मिनट--150 कलाकारों ने भाग लिया
सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने अपनी मीडिया इकाई संगीत और नाटक प्रभाग के जरिए अपने अभिनव कार्यक्रम के हिस्से के रूप में इलाहाबाद कुंभ मेले में जमुनिया विषय पर आधारित 14 दिन का ध्वनि और प्रकाश कार्यक्रम संचालित किया। यह कार्यक्रम मेले के माहौल को देखते हुए उचित रूप से ढ़ाला गया था। जमुनिया ध्वनि और प्रकाश कार्यक्रम शुरू में नुक्कड़ नाटक के रूप में अपनाया गया । इसका शीर्षक है जमुनिया-आकांक्षा उभरते भारत की ।
नुक्कड़ नाटक ने इलाहाबाद के कुंभ मेले में बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं को आकर्षित किया और यह कार्यक्रम कई दिनों तक दिन के समय प्रस्तुत किया गया। नुक्कड़ नाटक की अवधि 45 मिनट थी और कुंभ मेले के परिसर में प्रस्तुत इस कार्यक्रम की लाखों श्रद्धालुओं में अनुकूल प्रतिक्रिया हुई। इस पहल ने मुख्य कार्यक्रम जमुनिया-तस्वीर बदलते भारत की ने भीड़ को आकर्षित करने में सफलता प्राप्त की। यह कुंभ मेले के मुख्य स्थल से थोड़ा हटकर इलाहाबाद के कंपनी बाग मैदान में सायंकाल के समय प्रस्तुत किया गया। इस कार्यक्रम में लगभग 150 कलाकारों ने भाग लिया और इसकी कुल अवधि 2 घंटे 20 मिनट थी।
जमुनिया-तस्वीर बदलते भारत की ध्वनि और प्रकाश कार्यक्रम एक ग्रामीण महिला की कहानी है जो अभाव और गरीबी से उठकर एक स्थानीय नेता के रूप में उभरती है और अंतत: एक ग्राम सरपंच बनती है। वह केंद्र सरकार के सूचना के अधिकार और शिक्षा के अधिकार सहित विभिन्न महत्वपूर्ण् कार्यक्रम का लाभ उठाती है।
सन 2010 में शुरू किये गए जमुनिया ध्वनि और प्रकाश कार्यक्रम देश के अनेक भागों में प्रस्तुत किया जा चुका है। इनमें राजकोट,पोरबंदर,पन्ना, अमरावती, सीकर, हरिद्वार, रायबरेली और अमेठी प्रमुख शहर हैं।
जमुनिया ध्वनि और प्रकाश कार्यक्रम भारत की प्रमुख भाषाओं यथा पंजाबी, गुजराती, उडि़या, बंग्ला, असमिया, कन्नड़ ,तेलुगु, मलयालम आदि में रूपांतरित किया जा चुका है और यह देश के अन्य भागों में भी प्रस्तुत किये जाने के लिए तैयार है। (PIB)
नुक्कड़ नाटक के रूप में कार्यक्रम का प्रस्तुतीकरण
एक ग्रामीण महिला की कहानी
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