Wednesday, November 21, 2012

सेंसरशिप वैश्विक समस्या- क्रिज्टॉफ जानुस्सी

कहा सेंसरशिप हमारी जिंदगी को प्रभावित करने वाली कठोर व्यवस्था
पोलैंड के प्रख्यात फिल्म निर्माता क्रिज्टॉफ जानुस्सी ने सेंसरशिप को वैश्विक समस्या माना है और इससे निपटने के लिए उपयुक्त मार्ग तलाशने पर बल दिया है। उन्होंने कहा सेंसरशिप हमारी जिंदगी को प्रभावित करने वाली कठोर व्यवस्था है और गैर-लोकतांत्रिक राष्ट्र इसे बेहद कडाई से लागू करते हैं जबकि लोकतांत्रिक देशों का रवैया अधिक लचीला होता है। 43वें भारतीय अंतरराष्ट्रीय फिल्म समारोह में जीवनकालिक उपलब्धियों के लिए गोवा में आज शाम सम्मानित होने वाले जानुस्सी आज सवेरे मीडिया को संबोधित कर रहे थे । कम्फलेज, फैमिली लाइफ, द साइलेंट टच, द कॉन्ट्रैक्ट और रिविजिटेड जैसी सराहनीय फिल्मों का निर्माण करने वाले जानुस्सी ने विश्व को दिशा देने के लिए उच्च विचारों पर जोर दिया। भारत में सेंसरशिप के मुद्दे पर एक प्रश्न के जवाब में उन्होंने कहा कि इंटरनेट एक संपूर्ण नवीन समाज का निर्माण कर सकता है और यह हमें ध्वस्त भी कर सकता है इसलिए एक संतुलित मार्ग की पहचान करना बडी चुनौती है। समारोह में उनकी फिल्म “इल्युमिनेशन” को प्रदर्शित किया जाएगा। 

भारतीय सिनेमा के बारे में श्री क्रिज्टॉफ ज़ानुस्सी ने कहा कि स्‍वतंत्र सिनेमा और लोकप्रिय फिल्‍में एक दूसरे के पूरक हैं। उन्‍होंने कहा कि लोकप्रिय फिल्‍मों का सम्‍मान किया जाना चाहिए क्‍योंकि यह आम व्‍यक्ति की संस्‍कृति को दर्शाती हैं। अपने देश में सिनेमा के बारे में श्री जानुस्सी ने कहा कि वहां पर इस दिशा में अच्‍छा काम चल रहा है लेकिन जो पहचान, 1980 की शुरूआत में राजनीतिक उथलपुथल के दौरान थी वैसी नहीं है। उन्‍होंने कहा कि पोलैंड में कॉम्‍युनिस्‍ट युग की तुलना में अब स्थिति बेहतर है लेकिन युवा फिल्‍म निर्माताओं को नई समस्‍याओं और परेशानियों का सामना करना पड़ता है। ज़ानुस्सी ने भौतिकी विषय में शिक्षा ग्रहण की है। उन्‍होंने कहा कि भौतिकी को जब ग्ंभीरता के साथ पढ़ा जाए तो वो इंजीनियर पढ़ाई न लगकर तत्‍व विज्ञान जैसी लगती है। श्री ज़ानुस्सी ने 80 से अधिक फिल्‍में और वृत चित्रों का निर्माण किया है।(PIB)
(20-नवंबर-2012 14:21 IST
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मीणा/प्रियंका/विजयलक्ष्‍मी/चन्द्रकला-5404

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