प्रविष्टि तिथि: 17 AUG 2023 6:48 PM by PIB Delhi
आयोजन हुआ दि अशोक होटल, चाणक्यपुरी, नई दिल्ली में संपन्न
नई दिल्ली: 17 अगस्त 2023: (पीआईबी//हिंदी स्क्रीन डेस्क)::
विभिन्न सरकारी विभागों और संगठनों ने भाषा और साहित्य के विकास में निरंतर सहयोग दिया है। तकरीबन तकरीबन हर विभाग में ऐसे कक्ष या टीम का गठन रहता ही है। इस रूचि से सबंधित लोग अक्सर भाषा और साहित्य से जुड़े आयोजनों में भाग भी लेते हैं।
विद्युत मंत्रालय की हिंदी सलाहकार समिति की बैठक केंद्रीय विद्युत और नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री श्री आर.के. सिंह की अध्यक्षता में दिनांक 17 अगस्त, 2023 को दि अशोक होटल, चाणक्यपुरी, नई दिल्ली में संपन्न हुई। बैठक में विद्युत मंत्रालय के विशेष सचिव एवं वित्तीय सलाहकार एवं मंत्रालय के अन्य अधिकारीगण उपस्थित थे। विद्युत मंत्रालय की हिंदी सलाहकार समिति में संसद सदस्य, अपने विषय के विशेषज्ञ गैर-सरकारी सदस्य तथा विद्युत मंत्रालय के नियंत्रणाधीन सभी उपक्रमों के वरिष्ठ अधिकारी सम्मिलित हैं।
बैठक को संबोधित करते हुए केंद्रीय विद्युत और नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री श्री आर.के. सिंह ने कहा कि राष्ट्र निर्माण एवं राष्ट्रीय एकता के लिए एक राष्ट्रभाषा का होना अति आवश्यक है जिसमें हिंदी पहले से ही अपनी भूमिका निभा रही है। उन्होंने राष्ट्रीय एकता के लिए आपसी संवाद की आवश्यकता पर भी बल दिया। श्री आर.के. सिंह ने कहा कि आजादी के अमृत काल में हम सभी ने संपन्न भारत का संकल्प लिया है। राष्ट्र निर्माण में उसकी भाषा की संपन्नता भी निहित है इसलिए हमें अपनी राजभाषा हिंदी को भी जन-जन की भाषा बनाते हुए संपन्न बनाना है।
बैठक में माननीय सदस्यों द्वारा बैठकों का नियमित आयोजन, पत्रिकाओं का नियमित प्रकाशन, हिंदी पुस्तकों की खरीद तथा पुस्तकों की पठनीयता बढ़ाना, शीर्षस्थ स्तर पर मूल रूप से हिंदी में कार्य करना आदि बहुमूल्य सुझाव दिए गए। तदुपरांत, बैठक के लिए राजभाषा हिंदी के प्रयोग को बढ़ावा देते हुए प्रशंसनीय कार्य करने के लिए वर्ष 2021-22 तथा वर्ष 2022-23 हेतु विभिन्न सीपीएसयूज़ को एनटीपीसी राजभाषा शील्ड से सम्मानित किया गया।
इस अवसर पर माननीय मंत्री श्री आर.के. सिंह के कर कमलों द्वारा विद्युत मंत्रालय के नियंत्रणाधीन सभी उपक्रमों द्वारा प्रत्येक वर्ष प्रकाशित की जाने वाली पत्रिकाओं का विमोचन किया गया।
माननीय मंत्री जी को औपचारिक धन्यवाद के साथ ही यह बैठक समाप्त हुई। कितना अच्छा हो अगर इस तरह के आयोजन करते समय भाषा और साहित्य से जुड़े उन लोगों को भी विशेष तौर पर निमंत्रित किया जाए जिनकी न तो इन विभागों में कोई पहुंच होती है और न ही उनकी आर्थिक दशा अच्छी होती है।
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