Monday, December 24, 2012

सरकार ने किया जांच आयोग का गठन

24-दिसंबर-2012 17:20 IST
सामूहिक दुष्‍कर्म मामले में कड़ी कार्रवाई का आश्‍वासन 
दिल्‍ली में हुए सामूहिक दुष्‍कर्म मामले पर केन्‍द्रीय गृहमंत्री के वक्‍तव्‍य का विवरण इस प्रकार है: 
''16 दिसम्‍बर, 2012 को दिल्‍ली में हुए सामूहिक दुष्‍कर्म की चौंका देनी वाली घटना पर सरकार काफी चिन्तित है। पुलिस सभी छह अभियुक्‍तों को गिरफ्तार कर चुकी है। इनको सजा दिलाने के लिए पर्याप्‍त साक्ष्‍य इकट्ठे किए गये हैं और इस मामले में आरोप पत्र जल्‍द ही दाखिल किए जाएंगे। इस मामले की सुनवाई प्रतिदिन हो सके, इसके लिए सरकार न्‍यायालय से फास्‍ट ट्रैक न्‍यायालय के जरिए त्‍वरित सुनवाई का आग्रह कर रही है। इस घृणित अपराध में शामिल उस बस के ट्रांसपोर्टर के खिलाफ भी शीघ्र कार्रवाई की गई है। इस ट्रांसपोर्टर के सभी नौ वाहनों के परमिट रद्द कर दिए गये हैं। 

पीडि़ता को अच्‍छी से अच्‍छी चिकित्‍सा सुविधा उपलब्ध करायी जा रही है। उसकी हालत में सुधार के लिए जो कुछ भी आवश्‍यक होगा वह सरकार करेगी। उसकी स्थिति पर नजर रखी जा रही है। उसने इस अपराध से संबंधित मामले में एक्सिक्‍यूटिव मजिस्‍ट्रेट के समक्ष अपना बयान दे दिया है। 

पीडि़त युवती के लिए समाज द्वारा जो चिंता और समर्थन व्‍य‍क्‍त किया जा रहा है, उससे सरकार अपने को जोड़ती है। सरकार विरोध प्रदर्शन के वैध अधिकार का भी सम्‍मान करती है, लेकिन इसके साथ ही शांति बनाये रखने की भी आवश्‍यकता है और सुरक्षा के माहौल में सुधार लाने के लिए सभी को एकजुट होकर कार्य करने की आवश्‍यकता है। 

अपनी ओर से सरकार राजधानी के साथ-साथ देश के बाकी हिस्‍सों में महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है। दिल्‍ली में हाल ही में कई कदम उठाये गये हैं जिनमें निम्‍नलिखित है : 

(i) रात्रि के समय बसों की संख्‍या बढ़ा कर सार्वजनिक परिवहन प्रणाली को बेहतर बनाना। 

(ii) सभी सार्वजनिक वाहनों में जीपीएस लगाना ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि वे अपने निर्धारित मार्गों से अलग अन्‍य मार्गों न चलें। 

(iii) यह भी सुनिश्चित करना कि सार्वजनिक परिवहन में तैनात कर्मचारी पहचान पत्र रखें, जो सत्‍यापित हों। 

(iv) मनोरंजन केन्‍द्रों और कार्यस्‍थलों से देर रात लौटने वाले परिवारों और महिलाओं द्वारा लिए जाने वाले मार्गों में पुलिस वैन/मोटरसाइकिलों की गश्‍त को सक्रिय करना तथा इसे और बढ़ाना।

इस तरह के अपराधों से निपटने के लिए सरकार एक कठोर कानून बनाएगी और आपराधिक कानून में संशोधन के लिए शीघ्र ही कदम उठाएगी ताकि इस तरह के अत्यन्त दुर्लभ यौन उत्‍पीड़न के मामलों में बड़ी और अधिक कारगर सजा दी जा सके। 

सरकार जांच आयोग अधिनियम 1952 के तहत एक जांच आयोग का गठन करेगी जो इस भंयकर अपराध पर हुई प्रतिक्रियाओं की समीक्षा करेगी साथ ही राजधानी दिल्‍ली में महिलाओं की सुरक्षा व्‍यवस्‍था बेहतर बनाने के लिए उपाय सुझाएगी। (PIB)

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