Wednesday, December 12, 2012

बुद्ध का भिक्षापात्र

 1 मीटर ऊंचा, 1 मीटर व्‍यास
विदेश मंत्री श्री सलमान खुर्शीद ने आज लोक सभा में एक प्रश्‍न के लिखित उत्‍तर में बताया कि एक बड़े आकार का शिला निर्मित पात्र, जो लगभग 1 मीटर ऊंचा, 1 मीटर व्‍यास, जिसके शीर्ष भाग की मोटाई लगभग 18 सें.मी. है और जिसका वजन 200-300 कि.ग्रा. है तथा जिसके ऊपरी फेरे के समानांतर अरबी तथा फारसी भाषाओं में सुलेख लिपि में कुरान की आयतें लिखी हें, इस समय काबुल स्थित अफगानिस्‍तान के राष्‍ट्रीय संग्रहालय के प्रवेश द्वार पर रखा हुआ है। मूलत: यह कंधार में स्‍थापित किया गया था, जहां से इसे अफगानिस्‍तान के पूर्व राष्‍ट्रपति डॉ. नजीबुल्‍लाह के शासनकाल में काबुल ले जाया गया था। दावा किया जाता है कि यह भिक्षापात्र भगवान बुद्ध का है।

सरकार ने काबुल स्थित भारतीय दूतावास से इस पात्र की फोटो प्राप्‍त की है। निदेशक, (पुरालेख शास्‍त्र–अरबी, फारसी) भारतीय पुरातत्‍व सर्वेक्षण (एएसआई) नागपुर ने इस फोटो की जांच की है। इस फोटोग्राफ की प्रारंभिक जांच में निदेशक, (पुरालेख शास्‍त्र– अरबी, फारसी) ने उल्‍लेख किया है कि इस पात्र की बाहरी सतह पर गुदाई यह दर्शाती है कि यह पात्र कंधार नगर की किसी मस्जिद (संभावित रूप से जामा मस्जिद) से संबंधित है। उन्‍होंने सुझाव दिया है कि इसके मूल के बारे में और जानकारी प्राप्‍त करने के लिए इस पात्र की भौतिक दृष्टि से तथा भू-वैज्ञानिक दृष्टि से जांच की जानी चाहिए।
सरकार भारतीय पुरातत्‍व सर्वेक्षण के परामर्श से इस पात्र का उद्गम स्‍थापित करने के लिए अपेक्षित और उपायों, यदि कोई हों, की जांच कर रही है।  (PIB)   12-दिसंबर-2012 14:37 IST
मीणा/बिष्‍ट/चन्‍द्रकला -5987

No comments:

Post a Comment