Sunday, March 17, 2024

नवरंग लिटरेरी सोसायटी फिर सजाई लुधियाना में अदबी महफिल

Sunday 17th March 2023 at 20:09 

शायरों ने फिर दिया समाज और दुनिया को ढाई आखर प्रेम का ज्ञान


लुधियाना
: 17 मार्च 2024:(कार्तिका कल्याणी सिंह//हिंदी स्क्रीन डेस्क)::

लुधियाना यूं तो कारोबारी शहर है। बिलकुल महानगर जैसा लेकिन फिर भी यहाँ शायरी लगातार फलफूल रही है। दशकों पहले साहिर लुधियानवी साहिब ने शायरी के जो बोल और सुर इस शहर की फ़िज़ायों में घोले थे उनका अहसास आज भी होता है। साहिर साहिब के बाद जनाब कृष्ण अदीब और अजायब चित्रकार जैसे समर्पित कलमकारों ने शायरी  के इस माहौल को अमीर बनाया। 

इसी परम्परा को ज़िंदा रखने वालों में नवरंग लिटरेरी सोसायटी भी है। जनाब सागर सियालकोटी साहिब सरदार पंछी और कई दुसरे शायर अपने अपने कलाम में लुधियाना के शायरी पसंद लोगों को उन्ही  के दिल की गहरी और सच्ची बातें  सुनाते रहते हैं। 

इसी सिलसिले को आगे बढ़ाते हुए आज की इस अदबी महफ़िल का स्थान श्री यशपाल गोसाईं जी का दफ्तर रखा गया था। चंडीगढ़ रोड पर फोर्टिज हस्पताल के नज़दीक सत्संग घर गेट नंबर 7 के सामने बने इस कार्यालय में हुआ  इस छोटी सी अदबी महफ़िल  का आयोजन। 

इस मौके पर सागर सिसलकोटी, विजय वाजिद, ए पी मौर्य, पाल संसारपुरी, गगन, केवल दीवाना, अशोक सन्यासी व रविन्द्र अग्रवाल ने अपने कलाम से महफ़िल में चार चाँद लगाए। नवरंग के अध्यक्ष सागर स्यालकोटी जी ने कहा ऐसी अदब की महफिलें सजती रहनी चाहिए इससे आपस में प्यार बढ़ता है और साहित्यकार अपनी रचनाओं से समाज की समस्याओं को उजागर करते हैं। नवरंग की कोशिश रहेगी कि हर माह में काव्य गोश्ठी का आयोजन करती रहेगी।

गौरतलब है कि उस्ताद शायर सागर सियालकोटी साहिब उर्दू ज़ुबान और शायरी की गहरी समझ रखते हैं। शायरी का मर्म समझने के लिए कई बार बहुत से साहित्य प्रेमी और खुद शायर भी सागर साहिब के साथ फोन पर मशवरा करते हैं। आज की महफ़िल भी बेहद ख़ास रही। 

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