Tuesday, May 5, 2020

Online साहित्य चर्चा//लॉकडाउन पर नया डिजिटल सीरीज

 डिफरेंट मूड्स ऑफ़ लॉकडाउन पर विशेष चर्चा इस पोस्ट में ख़ास 
नई दिल्ली4 मई 2020: (हिंदी स्क्रीन ब्यूरो)::
लॉक डाउन ने सभी को घरों में बंद कर दिया लेकिन दिल और दिमाग में छुपी रचनात्मक ऊर्जा का क्या करे? यह ऊर्जा कहां बंद होती है? ये जज़्बात कहाँ रुकते हैं? यह भावनाएं कहां बंद होती हैं? इन्होने जो नया रास्ता निकाला उसकी चर्चा बहुत तेज़ी से हो रही है। लॉक डाउन के दिनों में कलम के इस ऐतिहासिक प्रयोग का श्री जाता है मातृ भारती को और इसकी लेखक मंडली को। विस्तृत विवरण पढिये नीचे दी गई पोस्ट में। आपको यह अनूठा प्रयोग कैसा लगा इस पर अपने विचार भी अवश्य भेजें। --कार्तिका सिंह
ये वक्त सबके लिए नया है। क्वारंटाइन...लॉक डाउन...कोविड 19... कोरोना वायरस जैसे नामों से पूरी दुनिया परिचित हो रही है। पहली बार हम सब घरों में कैद हैं। बाहर की दुनिया से डरे हुए हैं। इस वक्त का सही उपयोग करने और पॉजिटिव बने रहने के लिए हर कोई अपने स्तर पर बहुत कुछ कर रहा है। मातृभारती एप ने इस वक्त को रेखांकित करते हुए 21 लेखकों द्वारा लिखी एक सीरिज बनाई है डिफरेंट मूड्स ऑफ लॉकडाउन। इस सीरिज में हर दिन एक नया लेखक लॉक डाउन की कहानी लिखेगा।
इस सीरिज का संपादन कर रही हैं जयंती रंगनाथन और नीलिमा शर्मा। 
नीलिमा शर्मा इसके पहले भी हिंदी डिजिटल साहित्य के पहले उपन्यास  आईना सच नही बोलता का  संपादन  कर चुकी है जिसको मातृभारती पर हजारों पाठकों ने पढ़ा। 
मातृभारती एप के जनक महेंद्र शर्मा इस सीरिज के बारे में कहते हैं, ‘इस समय मातृभारती एप में दस लाख से ज़्यादा हिंदी के पाठक जुड़े हैँ। हम चाहते हैं अधिक से अधिक लेखकों को हिंदी भाषा से जोड़ना। जो लिखना चाहते हैं, उन्हें मोटिवेट करना, एक मंच देना हमारा उद्देश्य है। नामचीन और नए इक्कीस लेखकों द्वारा लिखा गया यह सीरीज नए पाठकों को भी जोड़ेगा। इसके अलावा एक ग्रुप में साथ रहने से एक धारा सा बनती है और क्षमतावानों को आगे बढ़ने का मौका मिलता है।’
लॉक डाउन के माहौल ने कुछ लोगों को बुरु तरह से निराश क्र दिया है, कुछ को आलसी बना दिया है-वे सारा सारा दिन सोते ही रहते हैं। ऐसे माहौल में बहुत कम लोग हैं जो कुछ न कुछ क्रिएटिव भी कर पाते हैं। इतने लेखकों कोएक साथ एक ही प्रोजेक्ट में जोड़ पाना आसान न रहा होगा। इसकी सफलता बताती है कि यह प्रयोग पूरी तरह से सफल रहा। इसमें बहुत क्षमतावान कलमकार शामिल हैं। Mahendra SharmaJayanti RanganathanManisha Kulshreshtha,Rashmi Ravija,Shilpa SharmaPoonam JainPratishtha Singh,  Pratima PandeyUpasna SiagKshama SharmaNeelima SharrmaAmrita V ThakurPritpal KaurRinki VaishChandidutt Shukla SagarDivya VijayShuchita MitalAmrendra, Dhyandera,Jyoti इत्यादि सभी ने इसे एक मिशन समझते हुए सफल बनाया है। एक एक कहानी पढ़ने वाले के मन पर अपना असर छोडती है। बिना कोई राजनीतिक विचार या धार्मिक प्रवचन बने अपना प्रभाव किसी ऐसे इंजेक्शन की तरह छोड़ जाती है जिसे लगने का पता ही नहीं चलता। हम कोशिश करेंगे इस पर और चर्चा भी हो सके। 
इस तरह के प्रयोगों का सिलसिला शुरू करने वाले मंच मातृभारती के संचालक/संस्थापक जनाब  महेंद्र शर्मा बताते हैं कि उनके ज्यादातर पाठक मध्यप्रदेश और राजस्थान से हैं। इसके बाद उत्तरप्रदेश का नंबर आता है। कई पाठक बिहार और विदेशों से भी है। हिंदी को टीयर 2 और टीयर 3 सिटीज तक पहुंचाने के लिए कई ग्रुप ऑन लाइन और ऑफ लाइन काम कर रहे हैं। ताकि वहां हिंदी के इच्छुक लेखकों को मातृभारती एप से जोड़ सकें। भविष्य में उनका इरादा है एप में प्रकाशित कहानियों पर वेब सीरिज और फिल्म भी बने। इसके लिए कई प्रोडक्शन हाउस से उनकी बातचीत चल रही है। हिंदी के वो पाठक जो पढ़ने से ज्यादा सुनने में रुचि रखते हैं उनके लिए जल्द ही ऑडियो बुक ऐप लॉन्च होगा।
बहुत जल्द नया प्रोजेक्ट डिफरेंट शेड्स ऑफ लॉक डाउन का भी ऑडियो वर्जन लाने की तैयारी है।
                                                                                                                         --हिंदी स्क्रीन डेस्क


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